इंदिरा गांधी का जीवन परिचय | Biography of
Indira Gandhi
इंदिरा गांधी का जीवन परिचय:
प्रारंभिक जीवन:
इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी, जनवरी 19, 1917 को इलाहाबाद, भारत में पैदा हुई थीं। उनके पिता का नाम पंडित जवाहरलाल नेहरू था, जो भारत के पहले प्रधानमंत्री रहे थे। इंदिरा का बचपन राजनीतिक वातावरण में बिता, जब उनका परिवार भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में गहराई से शामिल था। इंदिरा की शिक्षा संतिनिकेतन और ऑक्सफ़ोर्ड में हुई, जहां उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की।
इंदिरा गांधी |
राजनीतिक प्रवृत्ति:
इंदिरा गांधी का राजनीतिक करियर 1960 के दशक में गति पकड़ने लगा। 1942 में उन्होंने फिरोज गांधी से विवाह किया और उनके दो पुत्र, राजीव और संजय, हुए। उनकी राजनीतिक गति बढ़ती चली और 1964 में जवाहरलाल शास्त्री की मौत के बाद, उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नेता बनने के बाद प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला।
इंदिरा गांधी ने बैंकों की राष्ट्रीयकरण का निर्णय लिया, जिससे गरीबी को कम करने का लक्ष्य प्राप्त हो सके। 1969 में बैंकों की राष्ट्रीयकरण के बाद, उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कई कदम उठाए।
इंदो-पाक युद्ध और बांग्लादेश का निर्माण:
1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध ने इंदिरा गांधी की नेतृत्व क्षमता को प्रमोट किया। इस युद्ध में भारत की विजय ने बांग्लादेश का निर्माण किया और इससे उनकी ग्लोबल पहचान बढ़ी।
आपातकाल और इमर्जेंसी (1975-1977):
हालांकि, 1975 में इंदिरा गांधी का नेतृत्व एक विवादास्पद मोड़ पर चला। राजनीतिक असंतुलन और विपक्ष पक्षों से चुनौती का सामना करते हुए, उन्होंने आपातकाल की स्थिति की घोषणा की, जिसमें आंतरिक अराजकता और राष्ट्र के खिलाफ खतरा बताया गया। इस दौरान नागरिक स्वतंत्रता का निलंबन, व्यापक सेंसरशिप, और राजनीतिक प्रतिवादियों की गिरफ्तारी हुई।
इमर्जेंसी का काल, 1977 तक, भारत के इतिहास में एक विवादास्पद अध्याय रहा है। कुछ इसे आवश्यक मानते हैं कि यह कानून और व्यवस्था की रक्षा के लिए एक आवश्यक कदम था, जबकि दूसरों ने इसे शक्ति के दुरुपयोग की एक आरोपी माना है। 1977 में आपातकाल को समाप्त करने के बाद, इंदिरा ने 1977 के चुनावों को बुलवाया, जिसमें कांग्रेस पार्टी को एक अच्छूत पराजय हुई।
सत्ता में वापसी और हत्या (1980-1984):
1977 के हार के बाद, इंदिरा गांधी ने 1980 में फिर से सत्ता में वापसी की। उनके द्वारा किए गए उदार कदमों के बावजूद, उन्हें 1984 में एक दुखद घटना ने छिना दिया। बी सी सिखों के आंदोलन के समय, इंदिरा गांधी की हत्या 31 अक्टूबर 1984 को हुई, जब उन्हें अपनी रेजीडेंस में गोलियों से मार दिया गया। उनकी मृत्यु ने राष्ट्र को एक महान नेता की हानि महसूस कराई और उन्हें एक उदार राजनीतिक और समाजसेवी के रूप में याद किया जाता है।
निष्कर्ष:
इंदिरा गांधी का जीवन भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण योगदान था। उनका साहस और उनकी सक्रियता ने उन्हें एक अद्वितीय राजनीतिक नेता बना दिया। उनके कदमों ने देश को सोशल और आर्थिक सुधार की दिशा में आगे बढ़ने में मदद की और उनकी असासी नेतृत्व ने भारत को विश्व में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। हालांकि, उनके कुछ निर्णयों पर आपत्तिजनक हो सकती है, उनका योगदान भारतीय राजनीतिक इतिहास में अमिट रहेगा।